कानों में कंगना- राधिका रमण प्रसाद सिंह

'कानों में कंगना' राधिका रमण प्रसाद सिंह

इस कहानी को शुक्ल जी ने अत्यंत भावुकता पूर्ण कहानी कहा है। राधिका रमण प्रसाद सिंह की पहली कहानी संग्रह कुशमांजलि में ‘कानों में कंगना’ प्रकाशित हुआ। 1913 में ‘हिंदू’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई। ‘कानों में कंगना’ कहानी में लेखक ने तत्कालीन सामंती परिवेश में पत्नी और वेश्यावृत्ति के बीच प्रेम की टकराहट को दिखाया … Read more